छत्तीसगढ़

तीसरे दिन भी जारी दिव्यांग स्वाभिमान प्रदर्शन के तहत अपनी मांगों को लेकर दिव्यांग पहुंचे चांचौड़ा विधायक प्रियंका मीना के घर

लोकेशन,बीनागंज

ब्यूरो चीफ, इदरीस मंसूरी

*तीसरे दिन भी जारी दिव्यांग स्वाभिमान प्रदर्शन के तहत अपनी मांगों को लेकर दिव्यांग पहुंचे चांचौड़ा विधायक प्रियंका मीना के घर*

*विधानसभा सत्र में विधान पटल पर अपनी मांगें रखवाने हेतु दिव्यांग कर रहे हैं दिव्यांग स्वाभिमान प्रदर्शन*

 

*चांचौड़ा विधायक के स्थान पर उनके देवर और ससुर ने किया दिव्यांग जनों के साथ भोजन*

हक की लड़ाई, शांति और स्वाभिमान के साथ: गुना में दिव्यांगों का अनोखा प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी है । मंगलवार को दिव्यांग जन चांचौड़ा विधायक के घर उपस्थित हुए । विधायक नहीं मिलने पर दिव्यांग बोले

*”दीनदयाल विरद संभारी।*

*”हरहु नाथ मम संकट भारी”।।*

जब चाचौड़ा विधायक प्रियंका पंछी नहीं मिली तो दिव्यांगों ने भजन कीर्तन करना प्रारंभ कर दिया और चौपाइयां गाने लगे और कहने लगे कि दीनदयाल विरद संभारी, हरहु नाथ मम संकट भारी,। इसी बीच दिव्यांगों की समस्याओं को सुनने के लिए चाचौड़ा विधायक प्रियंका मीना के देवर एवं विधायक प्रतिनिधि श्री अनिरूद्ध मीना ने दिव्यांगों की समस्याएं सुनी और उन समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया और कहा कि दिव्यांगों की मांगों को विधायक महोदय के लेटर पैड पर मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर महोदय को भेजा जाएगा । सुबह से शाम तक दिव्यांगजन प्रियंका मीणा के घर पर रुके। विधायक के निवास पर सैकड़ो दिव्यांग उपस्थित रहे। दिव्यांगों ने विधायक प्रतिनिधि को दो ज्ञापन सोंपे। एक मुख्यमंत्री जी के नाम और दूसरा विधायक महोदय के नाम मुख्यमंत्री के ज्ञापन में शासन स्तर की समस्याएं थी जबकि माननीय विधायक महोदय के ज्ञापन में स्थानीय स्तर की समस्याएं थी।स्थानीय समस्याओं में बस का किराया, आवास एवं शासकीय दुकानों की नीलामी में आरक्षण का मुद्दा उठाया। यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण है, जिसमें दिव्यांग संवाद और सहभोज के माध्यम से अपने अधिकारों की मांग रख रहे हैं। मुख्य मंत्री से प्रमुख मांगों में पेंशन ₹600 से बढ़ाकर ₹5000 दिव्यांग आयोग का गठन, पंचायत एवं नगरीय निकाय में आरक्षण और स्वरोजगार के लिए 10 लाख रुपये तक ऋण शामिल हैं। अब दिव्यांग चांचौड़ा विधायक के निवास की ओर बढ़ेंगे जहां वे भोजन के साथ अपनी बातें साझा करेंगे।जिसके अंतर्गत ज्ञापन सोंपकर विधानसभा में अपनी समस्याओं को रखवाने का निवेदन करेंगे।दिव्यांग चहते हैं कि 28 जुलाई 2025 से शुरू होने वाली विधानसभा सत्र में दिव्यांगों की मांगों को विधानसभा में लाया जाकर पारित कराया जाए।

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